यूपी सरकार ने सोमवार से प्रदेश में तमाम गतिविधियों को फिर से शुरू करने की इजाजत दी है। सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया है कि सोमवार से प्रदेश में शराब की दुकानों को भी खोला जाएगा।
लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में सोमवार से सशर्त रियायतें देने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार ने सोमवार से यूपी की रेजिडेंशल सोसायटी और कॉलोनियों में सशर्त दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी है। इसके अलावा प्रदेश में शराब की दुकानों और ई-कॉमर्स ऐक्टिविटी को भी पुन: शुरू करने पर फैसला लिया गया है। हालांकि सरकार ने यह भी कहा है कि दुकानों को खुलने की अनुमति इस शर्त पर दी गई है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन कराएं
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि एकल दुकानें कल से खोलने की इजाजत होगी। कॉलोनी और आवासीय परिसरों से अंदर आवश्यक और गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खोली जा सकेंगी, मगर उनमें लोगों के साथ बात-व्यवहार में एक सुरक्षित फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में शराब की एकल दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। ये दुकानें सुबह 10 से शाम 7 बजे तक खुलेंगी।
अवस्थी ने बताया कि ई—कॉमर्स की आवश्यक गतिविधियों को भी अनुमति दी जाएगी। निजी क्षेत्र की कंपनियों के कार्यालयों में 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम किया जाएगा, बाकी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा। सरकारी कार्यालयों में भी 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम होगा, लेकिन आवश्यक सेवाओं में सभी कर्मचारियों को आना होगा। उन्होंने बताया कि टैक्सी, कैब सेवाएं आरेंज जोन में केवल जिले के अंदर चालू होंगी। ग्रीन जोन में बसें भी चलायी जा सकेंगी, मगर यह केवल 50 प्रतिशत यात्रियों को ही ले जा सकेंगी।
केंद्र के निर्देशों का होगा पालन
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि रियायतों की नियमावली और जरूरी दिशा-निर्देश प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस प्रमुखों को भेज दिये गये हैं। इसके तहत केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को लगभग अक्षरश: लागू किया जाएगा। ये निर्देश चार मई से दो सप्ताह के लिये जारी किए गए हैं। इनमें रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन की केंद्र द्वारा निर्धारित परिभाषा को स्वीकार करते हुए उसके अनुरूप कार्रवाई की गई है।
औद्योगिक गतिविधियों की इजाजत
अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के स्पेशल इकनॉमिक जोन में काम करने के लिए, निर्यात किए जाने वाला सामान बनाने वाले उद्योगों और औद्योगिक टाउनशिप में स्थापित इकाइयों को काम करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा आईटी हार्डवेयर का उत्पादन, जूट उत्पादन और पैकेजिंग सामग्री का उत्पादन करने वाली इकाइयां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चलाई जाएंगी। इनमें काम करने वाले कर्मियों और श्रमिकों का बीमा कराना होगा और हाथ धोने तथा सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी।
कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट
अवस्थी ने बताया कि उद्योगों के लिये महत्वपूर्ण आदेश है कि जहां 50 से अधिक कर्मचारी है, वहां पांच प्रतिशत लेकिन अधिकतम 25 कर्मियों का कोविड टेस्ट भी कराया जाएगा। यह टेस्ट भी समय—समय पर होते रहेंगे ताकि कोई संक्रमित ना हो। इसके साथ—साथ श्रमिक और फैक्ट्री मालिक अगर आपसी समझौता कर लेते हैं तो काम करने के घंटे बढ़ाये जा सकते हैं लेकिन यह व्यवस्था केवल तीन माह के लिये अस्थाई तौर पर लागू होगी। अगर शहरी इलाके में किसी निर्माण परिसर के अंदर ही अंदर काम हो रहा है तो उसे भी अनुमति दे दी जाएगी।
अलग-अलग राज्य से आ रहे लोग
अवस्थी ने बताया कि आज नासिक से विशेष ट्रेन से 829 लोग लखनऊ आये थे। उनमें केवल एक व्यक्ति को क्वारंटीन किया गया है। बाकी को घर भेज दिया। विशेष ट्रेन से कानपुर पहुंचे लोगों को भी घर भेजा जा चुका है। उत्तराखंड से 1600 लोग आ चुके हैं। अन्य राज्यों से भी ट्रेनें आने का सिलसिला शुरू होगा।