यह है विषवृक्ष... जो कभी सूखता नहीं....

#विषवृक्ष...


एक थे प्रोफेसर मोहम्मद हबीब...(प्रो इरफान हबीब के अब्बा)... ऑक्सफोर्ड से पढ़े हुए थे !.. ऑक्सफोर्ड 100 साल पहले भी कम्युनिज़्म का किला था और आज भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी कम्युनिज़्म और इस्लाम का मिलाजुला एक संस्करण है !... नेहरू नामक एक भारतीय रईस भी ऑक्सफोर्ड में अपने पिता की हैसियत का फायदा लेते हुए पढ़ने जा पहुँचे थे... जहां नेहरू सदैव सप्लीमेंट्री और बैक पेपर की बदौलत पास होते रहे... भारत मे लोग नेहरू को उच्च शिक्षित मानते रहे ! वैसे बताता चलूं कि पाकिस्तान के जोकर PM इमरान खान भी ऑक्सफोर्ड के पढ़े लिखे हैं जो अमेरिका और जर्मनी की सीमा एक मानते हैं !.. इसी ऑक्सफोर्ड में बेनज़ीर भुट्टो और इमरान खान ने अनेक दिन साथ बिताए थे ...
            बहरहाल बात प्रोफेसर मोहम्मद हबीब की हो रही थी... नेहरू प्रोफेसर हबीब से बहुत प्रभावित थे... जब 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' लिखने बैठे तो बताया जाता है कि इस पुस्तक का बहुत बड़ा हिस्सा तो प्रोफेसर  मोहम्मद हबीब, जो AMU में पढ़ाते भी थे,... ने लिख मारा !... पुराने खुर्राट जानते हैं कि नेहरू में यह कुब्बत नहीं थी कि वह भारत मे इस्लामिक और भारतीय राजाओं का इतिहास लिख सकें... रामायण को नेहरू ने Hindu Mythology कहा है... यह जान लीजिए... Myth का मतलब मनघडंत या झूठ होता है....
              चूंकि नेहरूजी प्रोफेसर हबीब के अहसानमंद थे... प्रभावित थे... प्रोफेसर हबीब ने इंद्रा प्रियदर्शनी उर्फ इंद्रा गांधी को किशोरावस्था में 'इतिहास' पढ़ाया था ! मज़ा देखिए... इंद्रा की प्राथमिक शिक्षा आनंद भवन में ब्रिटिश ईसाई नर्सों द्वारा सम्पन्न हुई और इतिहास बेहद कट्टर... इस्लाम के पैरोकार..AMU के उस्ताद मोहम्मद हबीब ने पढ़ाया ! खुद समझ लीजिए... इंद्रा के संस्कारों का स्तर और हिन्दू धर्म के बारे में इंद्रा के विचार कैसे होंगे...
            प्रोफेसर हबीब के लख्त ए जिगर (पुत्र) हैं प्रोफेसर इरफान हबीब..! जो जन्म से इस्लाम,कम्युनिज़्म और इतिहास के उस्ताद थे !. बाप AMU के प्रणेता थे सो इरफान हबीब भी ऑक्सफोर्ड से लौटकर AMU में इतिहास के उस्ताद हो गए ! प्रोफेसर इरफान हबीब AMU के बेताज बादशाह रहे हैं... हालात यह हैं कि दर्जनों लेक्चरर-रीडर-प्रोफेसर इरफान हबीब की देन हैं, AMU में...
              देश के पहले शिक्षामंत्री, अबुल कलाम आजाद, जो सिर्फ इस्लामिक मज़हबी शिक्षित थे... वह भी प्रोफेसर हबीब के मित्र थे ! प्रोफेसर मोहम्मद हबीब के दो चेले प्रोफेसर नुरुल हसन और प्रो सतीश चंद... साथ मे रोमिला थापर ... इन सब ने मिलकर भारतीय इतिहास का बंटाधार कर दिया!... गौरवपूर्ण हिन्दू-सनातन इतिहास को Hindu Mythology कहकर झूठा सिद्ध कर दिया गया ! सनातन राजाओं द्वारा बौद्ध राजाओं और प्रजा के नरसंहार के झूठे किस्से गढ़े गए और उन्हें इतिहास में शामिल कर लिया गया ! देश की मेधा को पददलित कर दिया गया !... भारत को एक हारा हुआ... पिछड़ा... सपेरों का देश सिद्ध कर दिया गया... 
            1971-1977 के मध्य भारत जवाहर लाल नेहरू के प्रिय कम्युनिस्ट प्रो नुरुल हसन भारत के शिक्षामंत्री रहे !... क्या क्या गुल खिले होंगे... इस अवधि में... आप समझ सकते हैं !.. इसी अवधि में JNU की नींव डाली गई... जो विश्व का सबसे बड़ा कम्युनिस्ट सेंटर और भारत विरोध का अड्डा बन गया ! इसी अवधि में भारत को सेकुलर देश घोषित कर दिया गया ... भारत सरकार से वित्त पोषित, पाकिस्तान के विचार का जनक , AMU...  अल्पसंख्यक संस्थान घोषित हुआ... 
              प्रोफेसर इरफान हबीब... हमीद अंसारी जैसों का सपना था कि जामिया मिलिया इस्लामिया, जो केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है,को अल्पसंख्यक संस्थान घोषित किया जाए.... मनमोहन सरकार ने कपिल सिब्बल के अगुआई में इस अवैध मांग को मान लिया गया !.... जामिया ... AMU और JNU ने इस देश को क्या दिया है.... बताने की ज़रूरत नहीं....
             विषवृक्ष के फल कभी मीठे नहीं हो सकते... यह है नेहरू की देन !... JNU में यह पढ़ाया जाता रहा देवी सीता... रावण की पुत्री थीं,.. दशरथ ... अपने कथित पुत्रों के पिता नहीं थे !.... यहाँ से निकले प्रशासनिक अधिकारी भी देश के साथ क्या न्याय करेंगे... आप खुद निर्णय लें.... 
             यह है विषवृक्ष... जो कभी सूखता नहीं....