अयोध्या: 27 साल 3 माह 20 दिन बाद टेंट से मंदिर पहुंचे रामलला

अयोध्या
रामायण में एक चौपाई है कि प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदय राखि कोसलपुर राजा। मतलब कि अयोध्या के राजा का मनन करते हुए या उन्हें हृदय में रखकर कोई भी काम किया जाए तो सब संपन्न होता है। अयोध्या के राजा भगवान रामलला को जब-जब उनके भक्त टेंट में विराजमान देखते तो एक टीस सी पैदा हो जाती थी। जेहन में सवाल होता था कि इतने मकानों के बीच टेंट में भगवान रामलला। कई बार तो यह देखकर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास अपने आंसू नहीं रोक सके लेकिन वह कहते हैं कि सब भगवान की लीला थी। हालांकि, भगवान रामलला को 27 साल तीन महीने और 20 दिन बाद बुधवार को अस्थायी मंदिर में प्रतिस्थापित कर दिया गया है।


6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में हुई घटना के बाद भगवान रामलला की उसी वक्त स्थापना कर दी गई थी। अस्थायी मंदिर में भगवान रामलला के प्रवेश के साथ ही उनके मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास बहुत खुश हैं। सर्चिंग आईज ऑनलाइन ने उनकी खुशी जानने की कोशिश की तो वह कहने लगे यह मंदिर भले ही अस्थायी है लेकिन बहुत सुंदर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सारा कार्य संपन्न हुआ है। भगवान रामलला टेंट में थे लेकिन आज उनके लिए एसी का भी इंतजाम किया गया है।


सीएम योगी ने दिया 11 लाख रुपये का चेक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान रामलला को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट कराया। यह अस्थायी मंदिर राम जन्मभूमि परिसर में मानस भवन के नजदीक बनाया गया है। भगवान रामलला यहां मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने तक रहेंगे। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपये का चेक भी सौंपा।



विशेष सिंहासन पर विराजमान हुए रामलला
भगवान रामलला को प्रतिस्थापित होने के साथ ही उनकी विशेष आरती भी की गई। बुधवार को सुबह ब्रह्म मूहूर्त में करीब 4 बजे श्रीरामजन्मभूमि परिसर में स्थित गर्भगृह में रामलला को स्नान और पूजा-अर्चना के बाद अस्थायी मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया। फाइबर के नए मंदिर में रामलला को विराजमान करने के लिए अयोध्या के राजघराने की तरफ से चांदी का सिंहासन भेंट किया गया है। साढ़े नौ किलो का यह सिंहासन जयपुर से बनवाया गया है।