लखनऊ वन विभाग द्वारा आगामी वृक्षारोपण में औशधीय वृक्षों को उगाने की तैयारी षुरू की गयी है जिसके क्रम में एन0बी0आर0आई0 के वरिश्ठ वैज्ञानिकों द्वारा दिनांक 31.12.2019 को अवध वन प्रभाग के अन्तर्गत कुकरैल औशधीय वाटिका का वैज्ञानिक डा0 षरद श्रीवास्तव व उनकी टीम के सदस्यों के साथ निरीक्षण किया गया। डा0 षरद श्रीवास्तव द्वारा औशधीय वाटिका में लगे विभिन्न प्रजातियों के पौधों को देखा गया तथा उनके वैज्ञानिक गुणों के विशय में विस्तार से बताया गया। औशधीय वाटिका में लगी कपूर, तुलसी, ष्यामा तुलसी, रामा तुलसी, सर्पगंधा के पौधों की बेहतरी के लिए सुझाव दिये गये कि इनको दूसरे प्लाटों मंे वैज्ञानिक विधि से तैयार किया जाये। डा0 श्रीवास्तव द्वारा सफेद मूसली, षतावर को मेड़ पर लगाने का सुझाव दिया गया जिससे इनका अच्छा विकास हो। वच्छ पौध के विशय में डा0 श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि इसका प्रयोग बच्चों के दिमाग के विकास सम्बन्धी दवा बनाने में किया जाता है। डा0 श्रीवास्तव द्वारा गुगुल का पौधा कुकरैल में लगा हुआ देखकर प्रषंसा की गयी तथा बताया गया कि यदि इस पौध को पौधषाला में तैयार किया जाये तो इसकी अच्छी कीमत बाजार में मिल सकती है। कुकरैल रेंज में लगी गिलोय के विशय में भी उनके द्वारा बताया कि इसकी कटिंग में रूटेक्स का प्रयोग कर बहुत संख्या में गिलोय के पौधे तैयार किये जा सकते हैं।
डा0 शरद श्रीवास्तव द्वारा प्रभागीय वनाधिकारी, डा0 रवि कुमार सिंह को यह आश्वासन दिया गया कि एन0बी0आर0आई0 व वन विभाग के सहयोग से औषधीय वाटिका के पौधों के विकास हेतु वैज्ञानिक तकनीकी सहयोग प्रदान किया जायेगा। उक्त निरीक्षण में श्री के0पी0 सिंह क्षेत्रीय वन अधिकारी, कुकरैल रेंज, श्री अतिजित जोषी, सेक्षन अधिकारी, कुकरैल पिकनिक स्पाट एवं श्री दिनेष कुमार, वन रक्षक उपस्थित रहे।
लखनऊ प्रभागीय वनाधिकारी अवध वन प्रभाग डा0 रवि कुमार सिंह ने बताया कि दिनंाक 30.12.2019 को समय अपरान्ह 02ः00 बजे डी0आर0एम0 आॅफिस पारा लखनऊ के पास एक अजगर दिखायी देने की सूचना प्राप्त हुई। प्राप्त सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी, शहरी रेंज को सूचित करते हुए तत्काल अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू करने के निर्देश दिये गये। शहरी रेंज के वन कर्मी श्री राजेश कुमार, वनविद एवं सरोजनीनगर रेंज के वनकर्मी श्री रामसुचित, वन रक्षक द्वारा मौके पर पहुॅचकर डी0आर0एम0 आॅफिस, पारा के पास से अजगर (राॅक पाइथन Rock Python) को सुरक्षित रुप से रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू किये गये अजगर की लम्बाई लगभग 10 फिट एवं वजन 35 से 40 किग्रा0 था। सुरक्षित रेस्क्यू किये गये अजगर को वनकर्मियों द्वारा सुरक्षित मूसाबाग के जंगल में प्राकृतवास हेतु अवमुक्त किया गया।
वन विभाग द्वारा आगामी वृक्षारोपण में औशधीय वृक्षों को उगाने की तैयारी शुरू