उत्तर प्रदेश के सभी थानों में विवेचनाओं के लिए होगी अलग टीम

 


*लखनऊ से पुष्पेन्द्र सिंह 


लखनऊ :पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह की ओर से इस संबंध जारी आदेश के मुताबिक विवेचना इकाई के सदस्यों की कम से कम छह रहेगी। टीम में प्रभारी के अलावा एक उपनिरीक्षक, एक आरक्षी, एक महिला आरक्षी को शामिल किया जाएगा। जरूरत केमुताबिक महिला आरक्षियों की संख्या 3 तक भी बढ़ाई जा सकेगी। इसके अलावा प्रभारी के साथ भी अलग से 2 आरक्षी व एक महिला आरक्षी को संबद्ध रखा जाएगा। इस टीम में तैनाती की अधिकतम अवधि दो साल रहेगा।


विवेचना इकाई में तैनात सभी उपनिरीक्षकों को एक साल में कम से कम 40 मामलों का विवेचना पूरा करना अनिवार्य होगा। निरीक्षक के  विवेचना ईकाई में 50 लाख से अधिक के आर्थिक धोखाधड़ी, पाक्सो अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों, भादवि के अध्याय 17 के अर्न्तगत धारा 406, 407, 408, 409, 420, 424, भादवि के अध्याय 18 के अर्न्तगत अध्याय 18 के धारा 465, 467, 468, 471, 472, राष्ट्र के विरूद्ध किए गए अपराध, एनडीपीएस एक्ट में व्यावसाय योग्य मात्रा की बरामदगी होने, विस्फोटक, संगठित शराब व हथियार की तस्करी के अलावा जाली मुद्रा व आईटी एक्ट से संबंधित अपराधों की विवेचना की जाएगी। विवेचना के लिए की गई नई व्यवस्था में विवेचना ईकाई को आवंटित अन्य विवेचनाओं का काम कानू-व्यवस्था का काम देखने वाली पुलिस को सौंपा जाएगा।