के समर्थन में मार्च निकालने की बात कहते हुए बताया कि देश में किसी भी नागरिक को अफवाह में नहीं आना चाहिए.-इंद्रेश कुमार

वाराणसी: CAA समर्थन में RSS के इंद्रेश कुमार ने मुस्लिम समुदाय को दिलाई ये शपथ
आरएसएस कार्यकारिणी सदस्य एव मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक इन्द्रेश कुमार  ने वाराणसी में मुस्लिम युवकों और महिलाओं को संविधान की शपथ दिलाई. यही नहीं शपथ के दौरान इंद्रेश कुमार ने लोगों से शेर की तरह गुर्राने और पंछी के पंखों की तरह हाथ से इशारा करने के लिए कहा.


वाराणसी: देश भर में एक जहां नागरिक संशोधन कानून (CAA) का विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर बीजेपी (BJP) सरकार, आरएसएस (RSS) और तमाम समाजसेवी संस्थायें इसका समर्थन कर रही हैं. इसी कड़ी में वरिष्ठ आरएसएस विचारक और राष्ट्रीय मुस्लिम एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) दो दिवसीय सुभाष महोत्सव में शिरकत करने वाराणसी पहुंचे. आरएसएस विचारक ने इस दौरान मुस्लिम युवकों और महिलाओं को संविधान की शपथ दिलाई. यही नहीं शपथ के दौरान इंद्रेश कुमार ने लोगों से शेर की तरह गुर्राने और पंछी के पंखों की तरह हाथ से इशारा करने के लिए कहा.


इंद्रेश कुमार ने नागरिक संशोधन कानून के बारीकियों के बारे में बताया तो कुछ अल्पसंख्यकों ने इस दौरान इंद्रेश कुमार को सीएए के समर्थन वाला मुकुट भी पहनाया. इसके बाद CAA देश की जरूरत विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुस्लिमों से नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में मार्च निकालने की बात कहते हुए बताया कि देश में किसी भी नागरिक को अफवाह में नहीं आना चाहिए.


इसके बाद मीडिया से बात करते हुए इंद्रेश कुमार ने बताया कि बताया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में पीड़ित अल्पसंख्यकों को अब भारत नागरिकता देगा. इस क़ानून के जरिये जो नागरिकता पहले 11 वर्षो में मिलती थी, अब छठे वर्ष ही इस कानून के जरिये भारत का नागरिक बन जायेगा. वहीं दूसरी ओर बताया कि देश की तमाम विपक्षी पार्टियां असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से सिर्फ एक ही समुदाय के लोगो को भड़काने का काम कर रही हैं.
महात्मा गांधी और नेहरू के बयानों का जिक्र


उन्होंने कहा कि देश के टुकड़े होने से पहले जुलाई 1947 में महात्मा गांधी जी ने कहा था कि ये जो पाकिस्तान बन रहा है, इसके अंदर हिंदू, सिख, बौद्ध हैं, जिनको रोटी का हक नहीं है, उनको भारत की नागरिकता का हक है. नेहरू जी ने भी कहा था कि ऐसे शहरी को नागरिकता भी देंगे, सम्मान से जीने का हक भी देंगे. पहले नियम था कि अगर कोई 11 साल रहता है, शांतिपूर्वक रहता है तो उसे भारत की नागरिकता मिल सकती है.