*वाराणसी* मकर संक्रांति पर जमकर पतंगबाजी होती है, इसे पतंगों का त्योहार भी कहा जाता है। इस बार 14 व 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। बनारस में आसमान में इठलाती सतरंगी पतंगे, घरों से लेकर गंगाघाट और उस पार रेती पर भक्काटे की आवाज दिनभर गूंजती रहती हैं। यह सिलसिला सुबह से लेकर दिन ढलने तक चलता रहता है। पतंगें जमी से लेकर आसमां में तैरती रहती हैं।
एक दूसरे की पतंग को काटने, पेच लड़ाने की होड़ मची रहती है। मकर संक्रांति के पर्व पर युवा, बुजुर्ग, बच्चों और महिलाएं सभी लोग हाथ आजमाते हैं। छतों और मैदानों पर डीजे भी बजाए जाते हैं। पतंगबाजी करते समय सबसे ज्यादा हमें सावधान होने की जरूरत होती है। क्योंकि इससे कभी भी पशु-पक्षियों और लोगों के साथ हादसा हो सकता है। क्योंकि बहुत से लोग पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे का प्रयोग करते हैं, जो बिल्कुल कानून के खिलाफ है। पतंग उड़ाते समय चाइनीज मांझे की पशु-पक्षु और लोग भी चपेट में आ जाते हैं, जिससे वह घायल जाते हैं, पक्षियों की तो मौत भी हो जाता है।
बनारस में पिछले साल 2019 में ही मकर संक्रांति पर हुई पतंगबाजी के दौरान पशु-पक्षियों के साथ ही आमजन भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। चौकाघाट रोड पर चाइनीज मंझे की जद में आने से रामकटोरा निवासी जितेंद्र विश्वकर्मा का गला कट गया था। आननफानन में उसे मलदहिया स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे 15 टांके लगाए गए।
दालमंडी निवासी जावेद चाइनीज मंझे की चपेट में आकर चेतगंज क्षेत्र में घायल हो गया। बौलिया तिराहे के पास बाइक सवार राम प्रकाश का मांझे से गला कट गया। वहीं, बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के पास स्कूटी सवार दो युवतियां चाइनीज मंझे की चपेट में आकर घायल हो गईं और उनका उपचार कराया गया था। औऱ कैंट पर संतोष प्रजापति जी गला कट गया था। भोजूबीर में बाइक सवार प्रशांत राय की नाक और पलक मांझे से कट गई थी।
*बरतें सावधानियां* : सुरक्षित स्थान पर खड़े होकर ही पतंग उड़ाएं। हो सके तो खुले मैदान में जाकर पतंग का आनंद लें। पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे का प्रयोग कतई न करें, ये गैर कानूनी है। स्वदेशी सूत के मांझे का प्रयोग करें, यह चाइनीज मांझे की तरह खतरनाक नहीं होता। बच्चों को मांझे से दूर रखें, और पतंग उड़ाते समय उनका विशेष ध्यान रखें। पतंग का मंझा किसी से टकराने न पाए, इसका खास ध्यान रखें। तीखे मांझे से हाथ-पैर और गर्दन भी कट सकती है। विशेष कर बच्चे और बड़े लोग उस वक्त ज्यादा सावधानी बरतें, जब पतंग कट जाती है, तो लूटने के लिए भागते हैं। हो सके तो इस तरह का कदम न उठाएं। इससे हादसों से बचा सकता है।