हम विकास करते हैं, तुष्टीकरण नहीं: योगी आदित्यनाथ

*हम विकास करते हैं, तुष्टीकरण नहीं: योगी आदित्यनाथ*


*गरीब का दर्द एक गरीब और संत ही समझ सकता है: आनंदी बेन*


*कुष्ठ रोगियों को आर्थिक संबल पहले ही मिला था योगी ने छत भी दे दिया: राम नाईक*


*23 दिसम्बर, लखनऊ।* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास हमारे लिए नारा नहीं हकीकत है। हमने बिना भेदभाव के सबका विकास किया है, औरों की तरह तुष्टीकरण नहीं किया। जो लोग भेदभाव का आरोप लगाते हैं वह अपने गिरेबान में झांके। अगर उन्होंने वाकई में बिना भेदभाव के सबका विकास किया होता तो हालात कुछ और होते।


सीएम आवास योजना के तहत विशिष्ट दिव्यांगजनों को चाबी सौंपने के लिए यहां लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के आरोपों में उनकी बौखलाहट दिखती है। उनकी करतूतों के कारण जनता उनको सत्ता से बेदखल कर चुकी है। आगे कोई संभावना भी नहीं है। ऐसे में उनकी बौखलाहट और विभिन्न मुद्दों पर उनका अनर्गल प्रलाप स्वाभाविक है। आरोप लगाने वाले गरीबों का पैसा हड़पने के पापी हैं।


हमने जो किया है, आंकड़े उसके सबूत हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर तमाम विकास योजनाओं में उप्र यूं ही नहीं नंबर पर एक है। हमने वनटांगियां, मुसहर और आदिवासियों को भी विकास योजनाओं से संतृप्त किया। केंद्र की योजनाओं से छूटे लोगों के लिए अलग से योजनाएं शुरू कीं और इनके लिए अतिरिक्त धन आवंटित किया। इस कार्यक्रम के बावत सलाह देने के लिए उन्होंने प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक की तारीफ की।
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*गरीबों के बारे में दिल से सोचते हैं मोदी और योगी: राज्यपाल* 


राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि गरीब का दर्द या तो गरीब समझता है या संत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबी देखी है और योगी जी संत हैं। दोनों दिल से गरीबों के हित में बारे में सोचते हैं। यही वजह है कि गरीबों को बिना भेदभाव के घर, रसोई गैस एवं बिजली के कनेक्शन मिल रहे हैं।


पहले की सरकारों ने खुद कबूल किया है कि उनकी विकास योजनाओं का सिर्फ 15 फीसद ही गरीबों तक पहुंचता था। बाकी के 75 फीसद का बंदरबाट होता रहा। लिहाजा गरीबी हटी नहीं, बल्कि गरीबों की संख्या बढ़ गयी।


राज्यपाल ने गरीबों से अपील की कि वे बच्चों को जरूर पढ़ाएं। इसमें कन्या सुमंगला जैसी योजनाओं का लाभ लें। कौशल विकास के जरिए उनको हुनरमंद बनाकर स्वावलंबी बनाएं। देश में उप्र एकमात्र राज्य है, जो शिक्षा का सारा खर्च खुद उठाने के साथ वजीफा भी दे रहा है। ऐसे में बच्चों को पढ़ाएं जरूर। महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर स्वावलंबी बनें। आर्थिक मदद के लिए मुद्रा जैसी योजनाओं का लाभ लें।