राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि गरीब का दर्द या तो गरीब समझता है या संत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबी देखी है और योगी जी संत हैं। दोनों दिल से गरीबों के हित में बारे में सोचते हैं। यही वजह है कि गरीबों को बिना भेदभाव के घर, रसोई गैस एवं बिजली के कनेक्शन मिल रहे हैं।
पहले की सरकारों ने खुद कबूल किया है कि उनकी विकास योजनाओं का सिर्फ 15 फीसद ही गरीबों तक पहुंचता था। बाकी के 75 फीसद का बंदरबाट होता रहा। लिहाजा गरीबी हटी नहीं, बल्कि गरीबों की संख्या बढ़ गयी।
राज्यपाल ने गरीबों से अपील की कि वे बच्चों को जरूर पढ़ाएं। इसमें कन्या सुमंगला जैसी योजनाओं का लाभ लें। कौशल विकास के जरिए उनको हुनरमंद बनाकर स्वावलंबी बनाएं। देश में उप्र एकमात्र राज्य है, जो शिक्षा का सारा खर्च खुद उठाने के साथ वजीफा भी दे रहा है। ऐसे में बच्चों को पढ़ाएं जरूर। महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर स्वावलंबी बनें। आर्थिक मदद के लिए मुद्रा जैसी योजनाओं का लाभ लें।
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*गरीबों की मदद अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि: राम नाईक*
प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि गरीबों की यह मदद अटल जी को असली श्रद्धांजलि है। कुष्ठ रोगियों के लिए खाने की व्यवस्था पूर्व मुख्यमंत्री ने कर दिया था। उनको घर देकर इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए योगी जी का काम काबिले तारीफ हैं। बिहार, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में कुष्ठ रोगियों के लिए अच्छी योजनाएं चल रही हैं। संभव हो तो सरकार उनको भी प्रदेश में लागू करे।
अतिथियों का स्वागत सरकार के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती ने किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लोगो जारी हुआ। साथ ही प्रतीकात्मक रूप से कुछ पात्रों को सीएम आवास की चाबी भी दी गयी।
कार्यक्रम में सरकार के मंत्री डॉ महेंद्र सिंह, आनंद स्वरूप शुक्ल, मुख्य सचिव आरके तिवारी, ग्राम्य विकास विभाग और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।