“संत ईश्वर सम्मान 2019”
सेवा करने में धन्यता का अनुभव करना, यह हिन्दू दर्शन है – डॉ. कृष्णगोपाल जी
डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि दुनिया का बड़े से बड़ा विद्वान और विश्वविद्यालय ऐसी कल्पना भी नहीं कर सकता जो भारत का व्यक्ति कल्पना कर सकता है.
सामने खड़ा कोई व्यक्ति अगर संकट में है और तुम्हें यदि लगता है कि वह संकट में नहीं है तो तुम हिन्दू कहलाने के योग्य नहीं हो. हिन्दू कहलाना, मैं हिन्दू हूं, यह कोई फैशन नहीं है. हिन्दू कहते ही हमारे मन के भाव आध्यात्मिक हो जाने चाहिएं, मन करुणा से, संवेदना से भर जाना चाहिए.
जो कुछ भी है, वह परमात्मा का है, यह भाव आना चाहिए. जिसको आवश्यकता है, उस आवश्यकता को देखकर, उसको परमात्मा के स्वरूप में स्वीकार कर उसकी सेवा करने में धन्यता का अनुभव करना यह भारत का हिन्दू दर्शन है.