नई दिल्ली- देश के सबसे पुराने अयोध्या विवाद पर शनिवार सुबह साढ़े दस बजे सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। फैसले के साथ ही देशवासियों का दशकों पुराना इंतजार भी खत्म हो गया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित भूमि को लेकर राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया है। सभी समुदाय के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत और सम्मान किया है। अब लोगों के बीच श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर कौतूहल है। मंदिर को लेकर तरह तरह के उत्सुकता भरे सवाल सामने आ रहे हैं।
मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने भी एक समीति गठित करने का फैसला किया है। इसी बीच आयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण के लिए चल रही कार्यशाला की तस्वीरें भी सामने आईं हैं। इन तस्वीरों में 'श्री राम' लिखे उन ईंटों और पत्थरों की खूबसूरती को साफ देखा जा सकता है जिनका इस्तेमाल मंदिर निर्माण में किया जाएगा।
वहीं एक और सवाल लोगों के मन में कौंध रहा है कि इस ऐतिहासिक और बहुचर्चित राम मंदिर के प्रथम मुख्य पुजारी बनने का सौभाग्य किसे मिलेगा?
सूचना के अनुसार आयोध्या विवादित जमीन मामले से लंबे समय से जुड़े और राम मंदिर निर्माण के प्रबल पक्षकार महंत सत्येंद्र दास ही मंदिर के प्रथम मुख्य पुजारी होंगे। महंत सत्येंद्र दास विवादित जमीन पर विराजमान रामलला के वर्तमान मुख्य पुजारी हैं।
उन्होंने इस मामले की दशकों तक चलने वाली कानूनी लड़ाई को बेहद करीब से देखा और समझा है। शनिवार सुबह कोर्ट के फैसले से पहले भी उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा था कि मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें और शांति बनाए रखें। प्रधानमंत्री ने सही कहा है कि अयोध्या का फैसला किसी की हार या जीत नहीं होगी।