*
जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय रजनेश कुमार की अदालत ने शाहगंज थाना क्षेत्र के समधीपुर गांव निवासी तथा दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता रहे जितेंद्र यादव की हत्या के मामले में सात आरोपियों को दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास तथा ₹25500 जुर्माने से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा धीरेंद्र यादव निवासी ग्राम समधीपुर थाना शाहगंज ने मामला पंजीकृत करवाया था कि उसके भाई जितेंद्र यादव दीवानी न्यायालय में अधिवक्ता थे। 27 सितंबर 2015 को दिन में 9:00 बजे सूख रहे धान की सिंचाई करने के लिए खेतों में पाइप फैला रहे थे तभी मुकदमेंबाजी की रंजिश को लेकर पट्टीदार ओम प्रकाश, शिव प्रकाश, जयप्रकाश, सुभाष, संजय, विजय बहादुर, करिश्मा, प्रतिभा, शिवांगी सब लोग एकजुट होकर मेरे भाई को मारने के लिए दौड़ाए और वे घर में घुस गए। आरोपियों ने घर में घुसकर कुल्हाड़ी, गड़ासी, लाठी से जानलेवा हमला कर जितेंद्र को मारने पीटने लगे बचाने आई उनकी पत्नी मंजू व बहन ललिता को भी प्राणघातक चोटें पहुंचाया। वादी अपने परिचित की आल्टो कार में अपने भाई व अन्य घायलों को लेकर शाहगंज सरकारी अस्पताल पहुंचा जहां डॉक्टरों ने जितेंद्र को मृत घोषित कर दिया। ललिता के हाथ की चार उंगलियां कटकर अलग हो गयीं। मंजू व ललिता का काफी दिनों तक सदर अस्पताल इलाज चला।
पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया। डीजीसी क्रिमिनल अनिल सिंह कप्तान, एडीजीसी अनिल श्रीवास्तव एवं प्रवीण सिंह ने 12 गवाहों का बयान कराते हुए अभियोजन पक्ष से पैरवी की। आरोपियों की निशानदेही पर आलाकत्ल बरामद हुए। प्रतिभा व शिवांगी के अवयस्क होने के कारण उनकी पत्रावली अलग कर दी गई।कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने व समस्त साक्ष्यों का परिशीलन करने के बाद सातों आरोपितों को जितेंद्र की हत्या के जुर्म में दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302 के अंतर्गत सश्रम आजीवन कारावास व जुर्माने से दंडित किया जुर्माने की आधी धनराशि मृतक के परिजनों को देने का भी आदेश दिया।