बीएचयू: हड़ताल खत्म कराने में छूटा अस्पताल प्रशासन का पसीना,एक सप्ताह बाद काम पर लौटे धरती के भगवान


    वाराणसी। बीएचयू सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रामा सेंटर में रेजिडेंटों की हड़ताल खत्म कराने में अस्पताल प्रशासन को 140 घंटे लग गए। ऐसा नहीं है कि जो मांगें रेजिडेंट कर रहे थे, उसे पूरा नहीं किया जा सकता है, लेकिन बस कार्रवाई का आश्वासन देने में ही सात दिन का समय लग गया।
   अस्पताल प्रशासन और रेजिडेंटों के बीच चली रार में सबसे ज्यादा नुकसान मरीजों को हुआ। दूर दराज से बेहतर इलाज के लिए आए सैकड़ों मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा। अब हड़ताल खत्म होने के बाद मरीजों को राहत मिलेगी।
     अस्पताल परिसर में मारपीट और फिर हड़ताल की यह पहली घटना नहीं थी, इसके पहले भी हड़ताल हो चुकी है। पिछले साल सितंबर में मारपीट के बाद भी रेजिडेंटों ने हड़ताल की थी तब भी सुरक्षा का आश्वासन मिला था, लेकिन साल भर बाद भी स्थिति जस की तस थी। 
    तब भी अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाए जाने, कैमरे लगाए जाने, मरीजों के परिजनों के लिए पास जारी करने का फैसला लिया था, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया।