डॉ. रहीस सिंह और शलभमणि त्रिपाठी होंगे सूचना सलाहकार


वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और प्राध्यापक डॉ. रहीस सिंह और श्री शलभमणि त्रिपाठी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सलाहकार नियुक्त किए गए हैं। रहीस सिंह प्रिंट मीडिया तो श्री त्रिपाठी इलेक्ट्राॅनिक मीडिया की जिम्मेदारी सम्भालेंगे। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक इस बाबद आदेश जल्द जारी होंगे।


जानकारी के मुताबिक़, डॉ. रहीस सिंह पिछले तीन दशक से मुख्यधारा की पत्रकारिता से सक्रिय हैं। राष्ट्रवादी लेखन में सशक्त हस्तक्षेप के साथ ही डॉ. सिंह को अकादमिक योगदान के लिए पहचाना जाता है। उन्होंने इतिहास, विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंध और अर्थनीति पर 19 पुस्तकों का लेखन किया है। जिनका प्रकाशन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रकाशकों ने किया है। डॉ. सिंह और श्री त्रिपाठी को सूचना सलाहकार बनाए जाने से उनके करीबियों में खुशी की लहर है। स्वतंत्र पत्रकार और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्री शलभमणि त्रिपाठी को भी सूचना सलाहकार बनाया गया है। श्री त्रिपाठी को इलेक्ट्राॅनिक मीडिया की जिम्मेदारी दी गई है। मूलरूप से देवरिया निवासी श्री त्रिपाठी ने 1998 में गणित में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर दैनिक जागरण से पत्रकारिता में कदम रखा। दैनिक जागरण और अमर उजाला के साथ काम करने के बाद, शलभ बिहार में चैनल 7 (बाद में आईबीएन 7 और अब न्यूज 18 इंडिया) से जुड़े। बाद में उन्हें यूपी-यूके का ब्यूरो चीफ बनाया गया। 41 वषीय शलभ ने जनवरी 2017 में मीडिया को अलविदा कह भाजपा के साथ अपनी दूसरी पारी का आगाज किया था। पार्टी ने बाद में शलभ को प्रदेश प्रवक्ता की भी जिम्मेदारी दी। डॉ. रहीस सिंह से मेरा गुरु-शिष्य और श्री त्रिपाठी से भाईचारे का संबंध है। आप दोनों ही विभूतियों का सान्निध्य, स्नेहाशीष, आशीर्वाद और मार्गदर्शन निरंतर मिलता रहा है। गुरुदेव का पाथेय मेरे जीवन में प्रेरणादायी बनता रहा है। आप दोनों में व्यवहार कुशलता, सौम्यता और सहजता कॉमन गुण है। आप दोनों का सान्निध्य, सहयोग और सहकार बना रहे। सामाजिक सहकार और सरोकारों के लिए आप हमेशा तैयार रहते हैं। जमीन से जुड़ाव, सामाजिक सरोकार और सहकार के प्रति आपकी प्रतिबद्धता मुझे भी न सिर्फ प्रभावित बल्कि प्रेरित भी करती हैं। आप हमेशा स्वस्थ और सानंद रहें, आराध्य मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम से ऐसी प्रार्थना है। सियावर रामचंद्र की जय