दिग्गज वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन

देश के दिग्गज वकीलों में शुमार राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। जेठमलानी देश के सबसे बेहतरीन वकीलों में गिने जाते थे। उन्होंने अपने जीवन में कई बड़े केस लड़े और जीते थे।


हाइलाइट्स



  • पिछले दो हफ्तों से बीमार थे देश के दिग्गज वकील राम जेठमलानी

  • वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे

  • साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया

  • जेठमलानी ने ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई बड़े केस लड़े


नई दिल्ली
देश के दिग्गज वकीलों में शुमार राम जेठमलानी का रविवार सुबह 95 साल की उम्र में निधन हो गया। जेठमलानी पिछले दो हफ्ते से गंभीर तौर पर बीमार थे। जेठमलानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे हैं। साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था। फिलहाल जेठमलानी आरजेडी से राज्यसभा सांसद भी थे। एक वकील होने के नाते जेठमलानी ने देश के कई बहुचर्चित केस भी लड़े हैं। इनमें कई केस काफी विवादित भी रहे हैं। उनके बेटे महेश जेठमलानी भी बड़े वकील हैं, एक बेटी अमेरिका में रहती है। जबकि एक बेटी का निधन हो चुका है।


शाह ने दी श्रद्धांजलि
गृहमंत्री अमित शाह ने जेठमलानी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के निधन से दुखी हूं। उनके रूप में हमने न सिर्फ एक दिग्गज वकील को बल्कि एक अच्छे इंसान को भी खो दिया है। जेठमलानी जी का जाना पूरे विधि क्षेत्र के लिए बड़ी क्षति है। कानूनी मामलों में उनकी जानकारी के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।'


1959 में पहला चर्चित केस
राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को सिंध प्रांत के शिकारपुर में हुआ था। इनका पूरा नाम राम बूलचंद जेठमलानी था। ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने कई बड़े केस लड़े थे। उनका पहला सबसे चर्चित केस 1959 में आया, जब वे केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य केस में वकील थे।

अफजल गुरु की फांसी का बचाव
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्यारों का मद्रास हाई कोर्ट में 2011 में केस लड़ा। स्टॉक मार्केट घोटाला केस में उन्होंने हर्षद मेहता और केतन पारेख का केस भी लड़ा। उनका सबसे विवादित केस अफजल गुरु की फांसी का बचाव करना था। बहुचर्चित जेसिकालाल हत्याकांड में उन्होंने मनु शर्मा का केस भी लड़ा था।

वाजपेयी के खिलाफ भी लड़ा चुनाव
साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था। छठी और सातवीं लोकसभा में जेठमलानी बीजेपी के टिकट पर मुंबई से सांसद भी चुने गए थे। उन्होंने वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री की भूमिका भी निभाई थी। साल 2004 में उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा।