नई दिल्ली
अगले महीने तक 1700 इलेक्ट्रिक इंजन को आरटीआईएस से लैस किया जाएगा
कोहरे के दौरान ट्रेनों की लेटलतीफी से भी अवगत होंगे यात्री
रेलवे ने 6700 रेल इंजन को भी इससे लैस करने का खाका तैयार किया है
यात्रियों को ट्रेनों की अब सटीक जानकारी मिलेगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर रेल मंत्रालय रियल-टाइम ट्रेन सूचना प्रणाली (आरटीआईएस) के तहत रेल इंजन में इस डिवाइस को लगाने का काम तेज कर दिया है। अगले महीने तक 1700 रेल इंजन को इस तकनीक से लैस कर दिया जाएगा।
सभी दिशाओं में चलने वाली ट्रेनों की अब रियल टाइम रिपोर्टिंग होगी। इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों को विभिन्न रूट पर चलने वाली ट्रेनों के टाइम-टेबल की जानकारी मिलेगी। इसके साथ ही रेलवे ट्रेनों की लगातार मॉनीटरिंग करेगा। इसका फायदा यह भी होगा कि कोहरे के दौरान धीमी रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों की जानकारी के अनुसार यात्रियों को सही सूचना दी जा सकेगी।
दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी ट्रेनों के इलेक्ट्रिक इंजनों में सफल परीक्षण के बाद रेलवे ने सभी ट्रेनों के इंजन में इस डिवाइस को लगाने जा रहा है। पहले फेज में कुल 2700 इलेक्ट्रिक इंजन में जीपीएस से लैस इस डिवाइस को लगाने का निर्णय लिया गया है। अगले महीने तक 1700 इंजन को इस सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा। रेलवे ने 6700 रेल इंजन को भी इससे लैस करने का खाका तैयार किया है।
99.3 प्रतिशत मिल रही है सटीक जानकारी
बतौर पॉयलट प्रोजेक्ट राजधानी ट्रेनों में आरटीआईएस परीक्षण के दौरान ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान में 99.3 प्रतिशत तक सटीक जानकारी मिल रही है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार जीपीएस ऐडेड जियो संवर्धित नेविगेशन प्रणाली तकनीक की बदौलत ऑन लाइन ट्रेन की जानकारी ली जा रही है। ट्रेन परिचालन अधिकारी इस डिवाइस के माध्यम से ट्रेनों पर बेहतर तरीके से नजर रखेंगे।
ट्रेन लेट होने पर लोको पॉयलट से सीधा संपर्क
रास्ते में अगर कोई ट्रेन लेट होगी तो ट्रेन के लोको पॉयलट से सीधा संपर्क स्थापित कर कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी जाएगी। सभी ट्रेनों में इस डिवाइस के लगने से कोहरे के दौरान ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
डिस्प्ले बोर्ड पर भी वास्तविक जानकारी साझा की जाएगी
कोहरा या अन्य कारणों से घंटों देरी से ट्रेनों के चलने के कारण वापसी दिशा में ट्रेनों को परिवर्तित समय से चलाने की जानकारी यात्रियों को पहले ही दी जाएगी। यात्री अनुमानित समय मिलने और ट्रेनों के लेट से पहुंचने के वजह से परेशान नहीं होंगे। समय-सारणी डिस्प्ले बोर्ड पर भी ट्रेनों की वास्तविक जानकारी मिलेगी। पूछताछ केंद्र व उद्घोषक भी वास्तविक जानकारी ट्रेन के मुसाफिरों को देंगे।