बिना पार्किन के अवैध काम्प्लेक्स पर कब होगी कार्यवाही, जिला प्रशासन पर उठ रही उंगुलियों

 


*अतिक्रमण हटाओ अभियान एक फ्लॉप शो*
 
*अवैध व्यवसायिक भवनों ने बर्बाद किया शहर, गरीबो को उजाड़कर अपने गाल बजा रहा प्रशासन*



रायबरेली। शहर को साफ सुथरा, निर्बाध यातायात की व्यवस्था करने के लिये चल रहा अतिक्रमण हटाओ अभियान एक फ्लॉप शो है क्योंकि इसकी गाज छोटे गरीब या मध्यमवर्गीय व्यापारियों पर लगातार गिर रही है जिससे उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट भीषण रूप ले रहा है। वही सरकारी जिला अस्पताल से लेकर सड़क से गलियो तक विकास प्राधिकरण की शह पर मानक के विपरीत बने व्यवसायिक भवनों के अतिक्रमण  अधिकारियों की दृष्टि से किस कारण ओझल है। पिछले एक दशक में शहर व्यवसायिक काम्प्लेक्सो के मानक विपरीत निर्माणों से सिंसक उठा, किसी भवन स्वामी ने पार्किंग व्यवस्था के लिये स्थान नही छोड़ा बल्कि उनके निर्माण नाली, नालियों को निगल गए उन भवनों में दुकान या ऑफिस चलाने वालो के साथ उनके ग्रहको की गाड़िया  सड़को को पार्किंग स्थल के रूप में उपयोग में आ रही है। जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। पटरी रेहड़ी दुकानदार तो अस्थायी रूप से इधर उधर घूमकर रोजी रोटी कमा रहे थे प्रशासन की निगाह में यही दुकानदार आये बड़े व्यवसायिक भवनों के अवैध मानकविहीन निर्माण सीना तानकर गरीबो को मुह चिढा रहे कि तुम गरीब थे इसलिये तोड़े गए। हम रसूखदार है प्रशासन देखो मेरा कुछ बाल बांका नही कर सका। यही नही महिला जिला अस्पताल में भी अतिक्रमण की अपने आप मे एक बानगी है, 19,55 करोड़  की लागत से बना महिला चिकित्सा भवन में पार्किंग की कोई व्यवस्था नही जिस कारण मरीज के तीमारदारों की गाड़िया बड़ी संख्या में खड़ी होकर गम्भीर मरीजो को लेकर आने जाने वाली एम्बुलेंस का निकलना मुश्किल काम है। व्यवसायिक काम्प्लेक्स शहर की सभी सड़को यहां तक सँकरी गलियो तक में तनकर खड़े है । स्थाई अतिक्रमण की इतनी बड़ी समस्या पर रायबरेली विकास प्राधिकरण ने भवन स्वामियों को नोटिस देकर अपने कर्तव्यों की सदैव इतिश्री की। शहरी यातायात को दुर्दशाग्रस्त करने में इनके योगदान में कोई प्रशसनिक अधिकारी हाथ डालने से कतराता है, अतिक्रमण की समस्या के लिये सदैव रेहड़ी पटरी दुकानदारों को जिम्मेदार माना जाता है। इससे समाज मे भी प्रशासन के प्रति लोगो मे गहरा रोष उत्पन्न हो रहा है, महिला चिकित्सालय में पार्किंग की समस्या से एक तरफ स्थित खराब है तो वही शहर के चेहरे को बदसूरत कर शहर को कंक्रीट के जंगल मे परिवर्तित करने वाले अवैध  व्यवसायिक काम्प्लेक्स पर कार्यवाही होनी चाहिये। लेकिन लाखो की काली कमाई के कारण उनको अतिक्रमण के दायरे से बाहर रखकर अभियान चलाकर प्रशासन आपने गाल बजाने की अदा से अधिक कुछ नही कर रहा है। प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ अभियान पूरी तरह अप्रासंगिक है क्योंकि वह जिस तरह काम कर रहा उससे शहर को अतिक्रमण मुक्त नही बनाया जा सकता।