संडीला( हरदोई,ब्यूरो)- भारत रत्न एवं संविधान के निर्माता परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर धर्म संसकृति संगम एवं अखिल भारतीय बौद्ध शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी "डॉ. भीम राव अम्बेडकर का समग्र चिंतन एवं भगवान् बुद्ध " पर अखिल भारतीय बौद्ध शोध संस्थान के राष्ट्रिय संयोजक अरुण कुमार सिंह ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सक्रिय रूप से दलितों के साथ-साथ हमारे समाज के अधिकारहीन वर्ग के लिए भी कार्य किया और उनके अधिकारों के लिए लड़े।" alt="" />" alt="" />" alt="" />" alt="" />नरेन्द्र मोदी सरकार ने बाबासाहेब के नाम पर पंचतीर्थ को पूर्ण किया
वे एक राजनीतिक नेता, कानूनविद, मानवविज्ञानी, शिक्षक, अर्थशास्त्री थे। चूंकि इस दिन का भारतीय इतिहास में बहुत बड़ा महत्व है, इसलिए इसे भारतीय लोगों द्वारा अम्बेडकर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए देश भर में धूममधाम और हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने जीवन भर न्याय और असमानता के लिए संघर्ष किया। उन्होंने जाति भेदभाव और असमानता के उन्मूलन के लिए काम किया। उन्होंने दृढ़ता से न्याय और सामाजिक समानता में विश्वास किया और यह सुनिश्चित किया कि संविधान में धर्म और जाति के आधार पर कोई भेदभाव ना हो। वे भारतीय गणराज्य के संस्थापको में से एक थे।
भारतीय जनता पार्टी बूथ स्तर पर वर्ष भर में 6 कार्यक्रम मनाती है जिसके अंतर्गत आज 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर जयंती को समरसता दिवस के रूप में मनाया जाता है।ये दिवस सभी भारतीयों के लिए एक शुभ दिन माना जाता हैं।