पुलवामा हमले का असर / 18 अलगाववादी, 155 नेताओं से 1000 जवान, 100 गाड़ियां वापस ली गईं


  • यासीन मलिक समेत 18 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाई गई।


  • पुलवामा हमले के बाद घाटी में पाक परस्तों से सुरक्षा छीनने की फिर कार्रवाई 

  • आईएएस से नेता बने फैजल के अलावा पीडीपी के कई नेताओं की भी सुरक्षा हटी 


जम्मू. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 18 अलगाववादियों और 155 नेताओं को दी गई सुरक्षा बुधवार को हटा दी। इस फैसले के बाद 1000 से ज्यादा जवान और 100 से ज्यादा गाड़ियां पुलिस की रूटीन ड्यूटी के लिए फ्री होंगी। सिविल सर्विसेज के 2010 के टॉपर और हाल ही में आईएएस की नौकरी छोड़ने वाले शाह फैजल का नाम भी सुरक्षा छिनने वालों की सूची में है। 


राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समीक्षा की बैठक में कहा गया कि अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा संसाधनों की बर्बादी है। जिनकी सुरक्षा घटाई गई है, उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी आदि शामिल हैं। इससे पहले रविवार को भी छह अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई थी।


वाघा बॉर्डर पर अटके पाक के ट्रक


वहीं, पाकिस्तान को अलग-थलग करने की नीति के तहत भारत ने आर्थिक तौर पर उसकी कमर तोड़नी शुरू कर दी है। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया था और वहां से आने वाले सामान पर ड्यूटी 200% तक बढ़ा दी थी। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाघा बॉर्डर पर सामान से लदे पाकिस्तान के कई ट्रक अटके हुए हैं। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलवामा हमले के बाद भारत की कोशिशें पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर हर तरह से नुकसान पहुंचा रही हैं।


पाकिस्तान के एक चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 फरवरी को पुलवामा हमले से पहले ट्रक के जरिए अरबों रुपए का छुहारा वाघा बॉर्डर से भारत में एक्सपोर्ट होना था। हालांकि, अब वाघा बॉर्डर पर छुहारों से लदे सैकड़ों ट्रक खड़े हैं। एक ट्रक में तकरीबन 15 लाख रुपए का माल है। 200% इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद 15 लाख रुपए के सामान पर 30 लाख रुपए की ड्यूटी लगा दी गई है। इसके बाद लाहौर से आ रहे कई ट्रक बॉर्डर पहुंचे बिना ही लौट रहे हैं। पाकिस्तान की कई छुहारा मार्केट में कारोबार बंद हो चुका है। पिछले पांच दिनों में पाकिस्तान सरकार और वहां के कारोबारियों को अरबों रुपए का नुकसान हो चुका है।


पाक को चाय का निर्यात भी कम करेगा भारत
भारत के चाय उत्पादकों ने भी कहा है कि वे पाकिस्तान को निर्यात कम कर देंगे। 2018 में भारत ने पाकिस्तान में 1.58 करोड़ किलोग्राम चाय निर्यात की थी। 2017 के मुकाबले चाय के निर्यात में 7.43% का इजाफा हुआ था। चाय उत्पादकों का कहना है कि अब वे पाकिस्तान की बजाय मिस्र, मध्य पूर्व और रूस जैसे देशों में चाय निर्यात करने के बारे में सोचेंगे।


पुलवामा हमले का असर
पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनने का फैसला किया था। इसके बाद से भारत पर पाकिस्तान से आयात होने वाली वस्तुओं पर किसी भी सीमा तक शुल्क बढ़ाने का अधिकार था। पाकिस्तान से आयात होने वाली दो प्रमुख वस्तुएं फल और सीमेंट हैं। अब तक फलों पर 30-50% और सीमेंट पर 7.5% कस्टम ड्यूटी लगती थी। अब यह ड्यूटी बढ़कर सीधे 200% हो चुकी है। भारत-पाकिस्तान के बीच सालाना 17 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है। इसमें भारत की 80% और पाक की 20% हिस्सेदारी है।


पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस ले लिया है।


भारत ने 1996 में पाक को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था
मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सबसे ज्यादा तरजीही वाला देश। विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सहूलियत लाने के लिए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता है। जिस देश को यह यह दर्जा मिलता है, उसे आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। भारत ने 1996 में पाकिस्‍तान को मोस्‍ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। 2016 में सिंधु जल समझौता खत्म करने के समय और उड़ी हमले के बाद भी भारत ने पाक से एमएफएन का दर्जा वापस लेने के संकेत दिए थे। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने इसे जारी रखा था। पाक ने कभी भी भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया।