भारतीय शहरों में जीवन बीमा कराने वाले 21% लोग ही टर्म प्लान लेते हैं

भारतीय शहरों में जीवन बीमा कराने वाले 21% लोग ही टर्म प्लान लेते हैं



  • 15 शहरों के 4566 लोगों से बातचीत कर तैयार किया गया सर्वे 

  • टर्म इंश्योरेंस लेने वाले 90% लोग गंभीर बीमारी के लिए कवरेज नहीं लेते  


नई दिल्ली. भारतीय शहरों में लाइफ इंश्योरेंस लेने वाले हर पांच लोगों में से सिर्फ एक के पास ही टर्म प्लान होता है। यह जानकारी मैक्स लाइफ और कैनटार आईएमआरबी के सर्वे से सामने आई है। इसके मुताबिक शहरों में रहने वाले दो तिहाई भारतीयों (65%) के पास किसी न किसी प्रकार का लाइफ इंश्योरेंस है। लेकिन इनमें करीब 21% के पास ही टर्म इंश्योरेंस है।


टर्म इंश्योरेंस आर्थिक सुरक्षा का सस्ता साधन




  1.  


    यह सर्वे देशभर के 15 मेट्रोपॉलिटन और टियर-1 शहरों के 4,566 लोगों से बातचीत कर तैयार किया गया है। टर्म इंश्योरेंस को आर्थिक सुरक्षा का सबसे मौलिक और सस्ता साधन माना जाता है।


     




  2. 20% लोगों को ही इलाज के खर्च का अंदाजा


     



    • 53% शहरी लोग टर्म इंश्योरेंस और इससे मिलने वाले फायदे के बारे में जानते भी नहीं हैं। 

    • 57% टर्म इंश्योर्ड लोगों को यह नहीं पता कि उनका जीवन बीमा कवर कितने रुपए का है।

    • 70% लोग मानते हैं कि टर्म इंश्योरेंस कमाऊ सदस्य के लिए होता है। अन्य के लिए नहीं। 

    • 10% टर्म इंश्योर्ड लोगों ने ही गंभीर बीमारी (क्रिटिकल इलनेस) का कवरेज भी ले रखा है। 

    • 80% लोगों को नहीं पता कि अगर कोई गंभीर बीमारी हुई, तो इसके इलाज पर कितना खर्च आ सकता है।


     




  3. इश्योरेंस की समय सीमा के अंदर मौत पर मिलती है राशि


     


    टर्म प्लान ऐसा इंश्योरेंस है जिसमें निश्चित समय सीमा (टर्म) के लिए निश्चित राशि का इंश्योरेंस होता है। प्रीमियम एक बार में या सालाना दिया जा सकता है। कुछ कंपनियां छह महीने और हर महीने प्रीमियम चुकाने की सुविधा भी देती हैं। समय सीमा के अंदर अगर इंश्योर्ड व्यक्ति की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को एकमुश्त राशि मिलती है।