हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले कीर्ति आजाद ने बूथ लूट को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने विवाद पैदा कर दिया है।
दरभंगा : देश में पिछले कुछ समय से ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों के बीच हाल ही में बीजेपी का दामन थामने वाले कीर्ति आजाद ने 'बूथ लूट' को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि जब ईवीएम से चुनाव नहीं कराए जाते थे, तब बूथ लूट की खूब घटनाएं होती थीं और कांग्रेस कार्यकर्ता भी इसमें पीछे नहीं थे।
बिहार के दरभंगा से सांसद कीर्ति ने अपने संसदीय क्षेत्र में मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान दिया। जब ईवीएम नहीं थे, उन दिनों का जिक्र करते हुए कीर्ति ने कहा, 'उन दिनों बूथ लूटे जाते थे, कांग्रेस कार्यकर्ता भी बूथ लूटते थे। उन्होंने नागेंद्र जी (पूर्व कांग्रेस नेता) के लिए बूथ लूटा। मेरे पिता (भागवत झा आजाद) के लिए भी बूथ लूटे गए और 1999 में मेरे लिए भी बूथ लूटा गया। तब ईवीएम नहीं आया था।
कीर्ति आजाद का यह बयान तब आया है, जबकि कई विपक्षी पार्टियां ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए इसके स्थान पर फिर से बैलेट पेपर (मत-पत्र) लाने और उसके जरिये ही मतदान कराए जाने की मांग कर रही हैं। कीर्ति के इस बयान पर विवाद पैदा हो गया है। उनके बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि इससे यह सच्चाई सामने आ गई है कि विपक्षी पार्टियां ईवीएम को क्यों नकार रही हैं।
वहीं, मामले में विवाद बढ़ता देख कीर्ति ने सफाई दी कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया। उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि बूथ लूट से उनका मतलब केवल बूथ मैनेज करने से था और उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने और उन्हें मोटिवेट करने के लिए यह बात कही थी, लेकिन इसे सही संदर्भ में नहीं समझा गया। मामले के तूल पकड़ने पर उन्होंने अपने बयान के लिए माफी भी मांगी।
यहां उल्लेखनीय है कि कीर्ति आजाद 2014 में दरभंगा से बीजेपी के टिकट पर निर्वाचित हुए थे, पर बाद में उनके बागी तेवरों के कारण पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था। वह लंबे समय से बीजेपी से निलंबित चल रहे थे और कयास लगाए जा रहे थे कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। अंतत: सोमवार (18 फरवरी) को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया।