घोषी में गठबंधन प्रत्याशी फरार,जनता परेशान किसे वोट दे

गठबंधन प्रत्याशी फरार,जनता परेशान किसे वोट दे


लोकसभा चुनावों में अब सातवें चरण का मतदान बचा है. इस आखिरी चरण में यूपी के घोषी के मतदाता इस पशोपेश में हैं कि आखिर जिसे उन्हें वोट देना है वो अतुल राय कहां गायब हैं. अतुल राय घोषी से बसपा-सपा के उम्मीदवार हैं और उन्होंने यहां कुछ दिनों तक क्षेत्र में प्रचार भी किया है, पर अब काफी दिनों से लापता चल रहे हैं. दरअसल, गठबंधन प्रत्याशी राय पर रेप का आरोप है और अतुल गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फरार हैं, जबकि पुलिस उन्हें दबोचने के लिए अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है.
घोषी सीट पर भारतीय जनता पार्टी के हरिनारायण राजभर अतुल राय को टक्कर दे रहे हैं. रेप मामले में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए राय ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उन्हें वहां से निराशा हाथ लगी क्योंकि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी पर स्टे देने से इनकार कर दिया. फिलहाल कहा जा रहा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए राय भूमिगत हो गए हैं. इस सीट पर भाजपा जहां आक्रामक होकर अपना चुनाव प्रचार कर रही है, वहीं गठबंधन के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है. गठबंधन को समझ में नहीं आ रहा है कि वह राय की कमी किस तरह से पूरी करे. गठबंधन के मतदाताओं के सामने भी उलझन है कि वे फरार चल रहे प्रत्याशी के पक्ष में वोट करें अथवा उन्हें किसी और विकल्प की तलाश करनी चाहिए.


ये है पूरा मामला
वाराणसी की एक पूर्व छात्रा ने अतुल राय पर रेप का आरोप लगाया है. छात्रा का आरोप है कि राय अपनी पत्नी से मिलाने के लिए उसे अपने घर ले गए जहां उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया. राय ने अपने लगे आरोप से इंकार किया है लेकिन गत एक मई को उनके खिलाफ केस दर्ज हो गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. बताया जा रहा है कि पुलिस से बचने के लिए राय भूमिगत हो गए हैं. इधर पुलिस उन्हें दबोचने के लिए मऊ और आस-पास के जिलों में दबिश दे रही है.
वहीं सपा-बसपा गठबंधन का मानना है किअतुल की गैर-मौजूदगी का असर उसके वोट बैंक पर नहीं पड़ेगा.


 


   गठबंधन इस सीट पर अपनी जीत का दावा कर रहा है. बसपा के जिला प्रभारी ललित कुमार अकेला गांव-गांव जाकर अपने वोटरों को भरोसे में ले रहे हैं. अकेला का कहना है कि अतुल कहां पर इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है लेकिन उनकी गैर-मौजूदगी का वोटरों पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है क्योंकि गठबंधन का वोट पक्का है वह कहीं और नहीं जाने वाला.