राजधानी में मनाया जा रहा है गौरैया संरक्षण पखवारा
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गौरैया बचाने के लिए ए. जे.एस.क्लासेज़ ने छेड़ी मुहिम मुहिम
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विलुप्तप्राय गौरैया के संरक्षण हेतु आगे आए मानव समाज: डॉ.जितेन्द्र शुक्ला
लखनऊ। संकटग्रस्त पक्षी प्रजाति गौरैया के सरंक्षण के लिए नवाचारी शिक्षण संस्थान ए.जे.एस. क्लासेज़ के तत्त्वावधान में गौरैया संरक्षण पखवारा मनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत राजधानी में गौरैया संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। 6 मार्च से शुरू इस पखवारे का समापन विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च को होगा। इस दिन संगोष्ठी के अतिरिक्त राजधानी के स्कूली बच्चों की गौरैया सरंक्षण थीम पर एक चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता भी आयोजित की जायेगी।
गौरैया संरक्षण पखवारे की निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार आज एल.डी.ए. आशियाना क्षेत्र के विभिन्न पार्कों में प्रातःकाल शिविर लगा कर जनमानस को जागरूक कर गौरैया संरक्षण का संकल्प कराया गया। संस्थान परिसर में विद्यार्थियों को पारिस्थिकीय तंत्र में गौरैया की महत्ता के बारे में बताया गया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक जन्तु विज्ञानी डॉ.जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि वर्तमान परिवेश में गौरैया का अस्तित्त्व खतरे में है। यह पर्यावरण और पारिस्थिकीय तंत्र के लिए अत्यंत ही घातक है। इनका संरक्षण करना मानव सभ्यता की ज़िम्मेदारी है। यदि ऐसा न किया गया तो गौरैया जल्द ही धरती से विलुप्त हो जायेगी। डॉ.शुक्ला ने आह्वान किया कि इस नेक काम के लिए हम सब आगे आएँ। इस मौके पर कार्यक्रम समन्यवक अमित शुक्ला ने अभियान के विभिन्न चरणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गौरैया संरक्षण के लिए क्षेत्रवार जागरूकता जनसम्पर्क अभियान प्रतिदिन चलता रहेगा। विश्व गौरैया दिवस पर आयोजित होने वाली चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में अनेक स्कूलों के विद्यार्थी भाग लेंगे। संस्थान की जनसम्पर्क अधिकारी एवं व्यवस्थापक पूजा मैम ने घरों में लगाये जाने वाले स्पैरो हाउस (गौरैया घर) लांच किया। उन्होंने बताया कि चित्रकला एवं स्लोगन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार और प्रमाणपत्र के साथ स्पैरो हॉउस प्रदान किये जायेंगे।
राजधानी में मनाया जा रहा है गौरैया संरक्षण पखवारा